आयुर्वेद के अनुसार सर्दियां सेहत बनाने का मौसम है। इस मौसम में जुटाई गई रोगों से लड़ने
की
ताकत पूरे साल के लिए हमें चुस्त, दुरुस्त और मस्त बनाए रख सकती है। जरूरत है तो
अपने खान-पान और रहन-सहन को देसी खुराक देने की, बता रही हैं इंदे्रशा
सर्दी के
मौसम का भरपूर फायदा उठाने के लिए दो चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। एक,
आहार कैसा
हो और दूसरा विहार कैसा हो। सामान्य शब्दों में कहें तो खान-पान और रहन-सहन।
जैसे-जैसे ठंड बढ़े, वैसे-वैसे खान-पान में परिवर्तन करना शुरू कर देना चाहिए।
बाहरी तापमान
से तालमेल बैठाने के लिए इस मौसम में शरीर का भीतरी तंत्र ज्यादा
मुस्तैदी से काम करने
लगता है। बाहर पड़ रही शीत का संपर्क हमारी त्वचा से बना रहता
है तो शरीर के भीतर मौजूद
जठराग्नि प्रबल हो जाती है और इस तरह सर्दियां शरीर की
पाचन-शक्ति में इजाफा कर देती
हैं। बाकी मौसमों की तुलना में हमारा शरीर खाए-पिए
को अच्छे से ग्रहण कर पाता है।
आलस से
बचें
सर्दी के मौसम में आलस से बचना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार आलस वात प्रकृति के लोगों
सर्दी के मौसम में आलस से बचना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार आलस वात प्रकृति के लोगों
का सबसे बड़ा दुश्मन है। गर्मी के ठीक विपरीत सर्दी में दिन में सोने की आदत
नहीं बनानी
चाहिए, अन्यथा शरीर में भारीपन, सर्दी-जुकाम आदि का आक्रमण आसानी से हो
सकता है।
शीतकाल में रातें लंबी होती हैं यानी प्रकृति ही हमें लंबे विश्राम का
वक्त देती है। विश्राम के
इस समय को कम नहीं करना चाहिए। भरपूर नींद लें।
हाजमा
सही रखें
देर रात में भोजन न करें और भोजन कर लें तो ज्यादा देर तक जगें नहीं। ठंड की शुरुआत
देर रात में भोजन न करें और भोजन कर लें तो ज्यादा देर तक जगें नहीं। ठंड की शुरुआत
होने पर खाने में घी, दूध, मलाई, उड़द की दाल, तिल जैसी चिकनाई वाली और
पौष्टिक चीजों
का सेवन करना शुरू कर दें।
भोजन से
दस-पंद्रह मिनट पहले करीब दस ग्राम अदरक के छोटे टुकड़ों पर सेंधा नमक छिड़क
कर
चबा-चबा कर खाएं। इससे भूख खुलती है, तेज ठंड से बचाव होता है और प्रदूषण का
असर
भी शरीर पर कम होता है।
सर्दी
में ज्यादा समय तक खाली पेट न रहें। वैसे भी भारतीय परिस्थितियों में सर्दी के
दिनों
में शरीर को आमतौर पर ज्यादा कैलरी की जरूरत पड़ती है। गुड़, मूंगफली और तिल
की पट्टी
व सूखे मेवे इस मौसम के लिए भरपूर ऊर्जा के स्रोत हैं। याद रखें, हाजमा
दुरुस्त हो तो ही
पौष्टिक और गरिष्ठ चीजें खाएं, वरना पहले हाजमा ठीक करें।
प्राकृतिक चिकित्सा के तरीके
से एनिमा लिया जाय तो पाचनशक्ति को मदद मिलती है। आधा
चम्मच छोटी हरड़ का चूर्ण
रात में गुनगुने पानी से कुछ दिनों तक लेने से कब्ज खत्म
होता है और पाचन को बल
मिलता है। सवेरे गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर पीने से
भी पाचन ठीक रहता है।
व्यायाम
करना न छोड़ें
सर्दी के मौसम में शरीर के अंगों को भरपूर हरकत देने पर भी ध्यान देना चाहिए। स्वस्थ
सर्दी के मौसम में शरीर के अंगों को भरपूर हरकत देने पर भी ध्यान देना चाहिए। स्वस्थ
लोग भारी व्यायाम कर सकते हैं, पर सामान्य लोगों को भी हल्का-फुल्का
व्यायाम करना
चाहिए। करीब सभी तरह के आसन इस मौसम के लिए उपयुक्त हैं, पर
प्राणायामों में
शीतली-शीतकारी प्राणायाम नहीं करने चाहिए, क्योंकि इससे शरीर में
ठंड का आभास होता
है। इस समय भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम के साथ सूर्यभेदी
प्राणायाम करना
चाहिए। धूप में बैठ कर तेल की मालिश करना शरीर को विटामिन-डी देने
का बढ़िया तरीका
है। त्वचा निरोग रहती है। मांसपेशियों को ताकत मिलती है। मालिश के
लिए सरसों, तिल
या जैतून का तेल लें।
सर्दी के
खतरों से बचें
जुकाम,
खांसी
कम तापमान की स्थिति में अगर सावधानी न रखी जाए तो सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में
कम तापमान की स्थिति में अगर सावधानी न रखी जाए तो सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में
खराश का संक्रमण आसानी से हो जाता है।
- सवेरे-शाम तुलसी, अदरक और लौंग का काढ़ा बना कर पिएं। अधिक उपयोगी बनाने के
- सवेरे-शाम तुलसी, अदरक और लौंग का काढ़ा बना कर पिएं। अधिक उपयोगी बनाने के
लिए
मुलहठी और दालचीनी का चूर्ण भी मिला सकते हैं।
- दिन में दो-तीन बार गर्म पानी में सेंधा नमक मिला कर गरारे करें। खांसी के अलावा
- दिन में दो-तीन बार गर्म पानी में सेंधा नमक मिला कर गरारे करें। खांसी के अलावा
गले की खराश, इन्फेक्शन आदि में भी राहत मिलेगी।
- लहसुन की पांच कलियों को घी में भून कर दिन में दो बार खाने से भी आराम मिलता
- लहसुन की पांच कलियों को घी में भून कर दिन में दो बार खाने से भी आराम मिलता
है। लहसुन में मौजूद एलिसिन रसायन एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल प्रभाव
रखता है।
- तुलसी के पंद्रह-बीस पत्ते पीस कर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार
- तुलसी के पंद्रह-बीस पत्ते पीस कर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार
खाली पेट चाट लें। यह सर्दी की तकलीफों से रक्षा करता है। रोग प्रतिरोधक शक्ति भी
बढ़ती है।
- गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिला कर पीने से जल्दी राहत मिलती है।
- गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिला कर पीने से जल्दी राहत मिलती है।
हृदयाघात
डॉक्टरों के मुताबिक इस मौसम में एंजाइना और दिल का दौरा पड़ने की आशंका 50% तक
डॉक्टरों के मुताबिक इस मौसम में एंजाइना और दिल का दौरा पड़ने की आशंका 50% तक
बढ़
जाती है। तापमान में बदलाव के कारण दिल की धमनियों में सिकुड़न आ जाती है।
ऑक्सीजन
की आपूर्ति और खून के बहाव पर दबाव पड़ने लगता है। मौसमी अवसाद और
विटामिन-डी की
कमी के कारण भी रक्तचाप बढ़ने लगता है। डॉक्टर की बताई दवाएं लेना
न छोड़ें।
- फाइबरयुक्त भोजन अधिक लें।
- हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज व सूखे मेवे लें। पानी खूब पिएं। पाचन ठीक रहता है।
- फाइबरयुक्त भोजन अधिक लें।
- हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज व सूखे मेवे लें। पानी खूब पिएं। पाचन ठीक रहता है।
मौसमी अवसाद से बचते हैं।
- खाली पेट लौकी का जूस पिएं। इसमें तुलसी और पुदीने के चार-छह पत्ते मिला लिए
- खाली पेट लौकी का जूस पिएं। इसमें तुलसी और पुदीने के चार-छह पत्ते मिला लिए
जाएं तो और अच्छा है। धमनियों के अवरोध में भी फायदा मिलता है। - विटामिन-डी
का
स्तर बनाए रखने के लिए सुबह की गुनगुनी धूप सेकें।
दमा
ठंडी हवाओं के साथ सर्दी-जुकाम और गले में सूजन पैदा करने वाले बैक्टीरिया दमा रोगी
ठंडी हवाओं के साथ सर्दी-जुकाम और गले में सूजन पैदा करने वाले बैक्टीरिया दमा रोगी
की मुसीबत और बढ़ा देते हैं।
- कहीं भी सर्द-गर्म वातावरण में अचानक प्रवेश करने से बचना चाहिए।
- सिर व कान ढक कर ही बाहर निकलें।
- पानी गुनगुना करके पिएं।
- कफ बाहर निकालने वाले और आयरन जैसे तत्वों से भरपूर चीजें खाएं। खजूर खाना
- कहीं भी सर्द-गर्म वातावरण में अचानक प्रवेश करने से बचना चाहिए।
- सिर व कान ढक कर ही बाहर निकलें।
- पानी गुनगुना करके पिएं।
- कफ बाहर निकालने वाले और आयरन जैसे तत्वों से भरपूर चीजें खाएं। खजूर खाना
फायदेमंद है।
- इनहेलर तथा डॉक्टर की सुझाई दवाइयां साथ रखें।
- धूम्रपान सांस की तकलीफों को बढ़ाता है। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों से बचें।
- दो चम्मच मेथी दाने एक लीटर पानी में डाल कर आधे घंटे तक उबालें और छान लें।
- इनहेलर तथा डॉक्टर की सुझाई दवाइयां साथ रखें।
- धूम्रपान सांस की तकलीफों को बढ़ाता है। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों से बचें।
- दो चम्मच मेथी दाने एक लीटर पानी में डाल कर आधे घंटे तक उबालें और छान लें।
अब
इसमें दो चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शुद्ध शहद मिला दमा के रोगी को
पिलाएं। रोज
सवेरे यह करें।
जोड़ों का
दर्द
सर्दी शरीर में वात और कफ की वृद्धि का मौसम है। चूंकि जोड़ों का दर्द वात असंतुलन
सर्दी शरीर में वात और कफ की वृद्धि का मौसम है। चूंकि जोड़ों का दर्द वात असंतुलन
की वजह से होता है, इसलिए जाहिर तौर पर सर्दी में तकलीफ बढ़ जाती है। हल्का-फुल्का
व्यायाम जरूर करें। वात का प्रभाव कम करने वाली चीजों को अपने आहार में शामिल
करें।
- सौ मिली. दूध में इतना ही पानी मिलाएं और दस लहसुन की कलियां डाल कर उबालें।
- सौ मिली. दूध में इतना ही पानी मिलाएं और दस लहसुन की कलियां डाल कर उबालें।
पानी जल जाए तो लहसुन खाकर घूंट-घूंट कर दूध पी लें। इससे जोड़ों के दर्द में फायदा
मिलता है।
- जिन जोड़ों में दर्द हो, वहां सरसों के तेल में लहसुन और अजवायन पका कर उस
- जिन जोड़ों में दर्द हो, वहां सरसों के तेल में लहसुन और अजवायन पका कर उस
तेल से
मालिश करनी चाहिए।
- चुकंदर और सेब भरपूर खाएं, इससे यूरिक एसिड सही रहता है।
- चुकंदर और सेब भरपूर खाएं, इससे यूरिक एसिड सही रहता है।
Source: Hindustan Newspaper
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